नेल्सन मंडेला का जीवन परिचय....
भारत के महान व्यक्तियों में से एक थे जिनका नाम है नेल्सन मंडेला जो दक्षिण अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। रंगभेद जैसी होने वाली कुरीति का विरोध किया। रंगभेद के खिलाफ लड़ने के साथ-साथ उन्होंने अपने जीवन में काफी संघर्ष भी किए। साल 1964 से 1990 तक यानी 27 साल इन्हें जेल में रहना पड़ा था।
• जन्म - 18 जुलाई 1918।
• पिता का नाम - गडेला हेनरी म्फाकेनिस्वा।
• माता का नाम- नेक्यूफी नोसकेनी।
• पत्नी का नाम - विनिमदिकिजेला, ग्रेस मेकल तथा एवलिन नटोको मेस।
• बच्चों के नाम - मेडिका थेमबेकल मंडेला, मैकजिव मंडेला, नैकगाथो लोवानिका मंडेला, जेनानी मंडेला और जिनजिस्वा मंडेला।
नेल्सन मंडेला के जीवन से जुड़ी कुछ बातें और उनकी शिक्षा की शुरुआत..
नेल्सन मंडेला - ये नाम हम सभी के लिए एक प्रेरणा है, कुछ करने के लिए, अपने हक में लड़ने के लिए और दृढ़ता से अपने सपनों को पूरा करने के लिए। नेल्सन मंडेला का पूरा नाम नेल्सन रोलीहलाहल मंडेला था। इनका जन्म थेंबू नामक राजघराने में हुआ था। ये दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति थे। साल 1991 से 1997 तक अफ्रीका नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। 1994 से 1999 तक मंडेला दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रहे।
नेल्सन मंडेला ने अपनी शुरूआती शिक्षा फोर्ट हरे विश्वविद्यालय से पूरी की थी तथा लाॅ की पढ़ाई वितवाटर्सरैंड विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण की। सन् 1948 के समय में गोरे अधिकारों को ज्यादा सम्मान दिया जाता था लोग उन्हें ज्यादा महत्व देते थे और अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के साथ तो नेल्सन मंडेला पहले से ही जुड़े थे। उस पार्टी को साथ में लेकर मंडेला ने एक अश्वेत अभियान चलाया। जिसके बाद साल 1955 में वे कांग्रेस के अध्यक्ष भी बनें।
नेल्सन मंडेला को तकरीबन 27 साल जेल में गुजारना पड़ा था उन पर कई मुकदमे भी चलाए गए। मजदूरों को बिना इजाजत के देश छोड़ने के अपराध में भी मंडेला को गिरफ्तार किया गया था। 12 जुलाई सन् 1964 को उन्हें उम्रकैद की सजा भी सुनाई गई। नेल्सन मंडेला को राॅबेन द्वीप जेल में ले जाया गया था लेकिन जेल में रहकर भी वो शांत नहीं बैठे उनका आत्मविश्वास कम नहीं हुआ। उस जेल में जितने भी कैदी काले थे उन्हें भी अपने अश्वेत अभियान में शामिल कर लिया था।
11 फरवरी सन् 1990 को उन्हें जेल से बाहर किया गया। शांति और समझौते के आधार पर उन्होंने एक लोकतांत्रिक और बहुजातीय राष्ट्र का निर्माण किया। उस दिन से दक्षिण अफ्रीका में नस्लभेद के आधार पर लोगों में भेदभाव करना समाप्त हो गया। नेल्सन मंडेला महात्मा गांधी जी को अपना मार्गदर्शक मानते थे और उनसे अहिंसा के रास्ते पर चलना सीखा था।
नेल्सन मंडेला के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ...
10 मई सन् 1994 को नेल्सन मंडेला ने अफ्रीका के प्रथम अश्वेत राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया और 1997 में उन्होंने राजनीति पद से इस्तीफा दे दिया और साल 1999 में कांग्रेस की अध्यक्षता भी छोड़ दी। दक्षिण अफ्रीका के लोग नेल्सन मंडेला को राष्ट्रपिता कहकर बुलाते थे। सन् 2004 में जोहनसबर्ग में सैंडटन स्क्वायर शापिंग सेंटर में नेल्सन मंडेला की प्रतिमा स्थापित की गई और उस सेंटर का नाम बदलकर नेल्सन मंडेला स्क्वायर रखा गया।
मंडेला को दुनिया के अलग अलग देशों और संस्थानों द्वारा 250 से भी ज्यादा पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
सन् 1944 में नेल्सन ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस की नींव रखी थी।
नेल्सन मंडेला ने तीन शादियाँ की थी। नेल्सन की तीसरी शादी ग्रेस मेकल से हुई थी वो भी इनके 80वें जन्मदिवस पर।
नेल्सन मंडेला को उनके महान कार्यों के लिए 1993 में शांति के आधार पर नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। साल 1994 में उनकी जीवनी "लाॅन्ग वाॅक टू फ्रीडम" पुस्तक प्रकाशित हुई।
दक्षिण अफ्रीका के लोग मंडेला जी के जन्मदिन को मंडेला दिवस के उपल्क्ष में मनाते हैं। नेल्सन मंडेला ने रंगभेद का विरोध करने के साथ साथ अफ्रीका की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाया।
नेल्सन मंडेला, जिन्होंने नस्ल के आधार पर किए जाने वाले भेदभाव को अंजाम दिया और लोगों को उनका अधिकार दिलाया। ऐसे महान व्यक्तियों से प्रेरणा लेकर हमें कुछ ऐसा करना चाहिए जिससे हमारा नाम इतिहास के पहले पन्ने पर हो।
"कुछ बनने के नहीं बल्कि कुछ करने के सपनें देखिए
जिंदगी आने वाले कल की है, वर्तमान में जीना सीखिए"
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