अब्राहम लिंकन का जीवन परिचय

पूरा नाम - अब्राहम थाॅमस लिंकन

जन्म/स्थान - 12 फरवरी, 1809 / हार्डिंग काउंटी (केंदुकी, अमेरिका)

माता - नैन्सी

पिता - थाॅमस लिंकन

पत्नी - मैरीटाॅड

बच्चे - विल्ली, टेड, रोबर्ट, एडवर्ड

मृत्यु - 15 अप्रैल, 1865


बात करते हैं अब्राहम के प्रारंभिक जीवन और परिवार के बारे में:

12 फरवरी,1809 को हार्डिंग काउंटी (अमेरिका) में जन्मे अब्राहम लिंकन जिनका परिवार बहुत गरीब था। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण अब्राहम और उनके परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। लिंकन जब 9 साल के थे तब उनकी माँ इस दुनिया से चली गई। इस घटना के बाद उनके पिता ने दूसरी शादी साराह बुश जाॅनसन से कर ली।अब्राहम की सौतेली माँ अब्राहम की अपेक्षा में अपने बच्चों को ज्यादा प्यार देती थी।

{अब्राहम लिंकन की पढ़ाई और वैवाहिक जीवन}

अब्राहम लिंकन एक बेहद ही गरीब परिवार से थे, इतने गरीब थे कि उन्हें स्कूल तक नसीब नहीं था लेकिन उनमें पढ़ाई करने का जुनून था, दूसरों से किताबें मांगकर वो अपनी पढ़ाई पूरी किए और इसी किताब के लिए अब्राहम को कई किलोमीटर दूर चल के जाना पड़ता था। बचपन से ही उन्हें किताब पढ़ने का बहुत शौक था, उनकी सबसे प्रिय पुस्तक थी - The Life Of George Washington

दो वक्त की रोटी के लिए अब्राहम सुअर काटते, मजदूरी करते यहाँ तक की लकड़ियाँ काँटने का भी काम किया करते थे।

सन् 1843 में एक अमीर घर की लड़की मैरी टाॅड से अब्राहम ने शादी कर ली। अब्राहम और मैरी को 4 संतान हुई। उन दोनों का रिश्ता कुछ खास नहीं था क्योंकि मैरी एक अमीर घर से थी और हमेशा अब्राहम को नीचा दिखाती उसके पहनावे का मज़ाक बनाती लेकिन लिंकन का स्वभाव बाकियों से बहुत अलग था और उन्हें इन सब से कोई मतलब नहीं था।

अब्राहम लिंकन : एक वकील के पद पर

अब अब्राहम लिंकन का केवल एक ही मकसद था कि लोगों के साथ हो रहे भेदभाव को खत्म करना और देश की सेवा करना। 1837 में अब्राहम ने बहुत से चुनाव लड़े ताकि दास प्रथा को खत्म कर सकें लेकिन ऐसा हुआ नहीं वो चुनाव में खड़े तो होते लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिलती थी। गरीबों को आर्थिक रूप से मदद करने के लिए और उनको न्याय दिलाने का भी काम किया।

1844 में अब्राहम वकालत की ट्रेनिंग लिए जिसके बाद वो एक वकील बन गए। अब्राहम ने कभी भी गरीबों से उनके केस के पैसे नहीं लिए और ना ही कभी झूठे केस लड़े।

अमेरिका के राष्ट्रपति : अब्राहम लिंकन

1854 में व्हिग पार्टी से चुनाव का हिस्सा बनें लेकिन बाद में इस पार्टी को हटा दिया गया। सन् 1856 में अब्राहम न्यू रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य बनें साथ ही अमेरिका में दास कुप्रथा को खत्म किया। अमेरिका में लोगों से गुलामी करवाया जाता था।

अगर हम बात करें दक्षिणी राज्य की तो वहाँ पर लोग दास प्रथा के पक्ष में थे और वहीं उत्तरी राज्यों में लोग दास प्रथा का विरोध किया करते थे। लोगों को गुलाम बनाकर जबरदस्ती उनसे खेती करवाते थे। ऐसी परिस्थितियां देखने के बाद अब्राहम के मन में एक विचार आया कि अगर ऐसा ही होता रहा तो इस देश का विकास कभी नहीं हो पाएगा और न ही लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना उत्पन्न होगी।

अब्राहम लिंकन के एक भाषण ने लोगों के विचार ही बदल डाले। उनके काम से लोग काफी प्रभावित हुए और वास्तव में उन्होंने अपने देश के लिए बहुत कुछ किया जिससे 1860 में अब्राहम लिंकन को अमेरिका का 16वाँ राष्ट्रपति घोषित किया गया।


{अमेरिकन सिविल वार (गृह युद्ध) को खत्म करने में अब्राहम लिंकन का प्रमुख योगदान}

अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद दास प्रथा जैसी कुरीति को अब्राहम लिंकन ने पूरी तरह से खत्म कर दिया। 1 फरवरी सन् 1861 में अल्बामा,लौईसिआन, टेक्सास, मिसिसिपी, फ्लोरिडा और जेओर्गिया अलग हो गए और इन सब के अलग होने से गृहयुद्ध प्रारंभ हो गया।

उत्तरी राज्य और दक्षिणी राज्यों के बीच युद्ध शुरू हुआ। बात कुछ ऐसी है कि दक्षिणी राज्य के लोगों से खेती करवाना चाहते थे और जो दक्षिणी राज्य के लोग थे वो अपने एक अलग देश का निर्माण करना चाहते थे दूसरी तरफ उत्तरी राज्य के निवासी एकजुट होकर रहना चाहते थे और गृहयुद्ध होने का कारण भी अमेरिका के दोनों राज्य थे।

इस युद्ध में 6 लाख से भी ज्यादा लोग मारे गए, दास प्रथा के खत्म होने के बाद गृहयुद्ध भी खत्म हो गया।

{अब्राहम लिंकन की मृत्यु} 

अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति और सबसे लोकप्रिय इंसान अब्राहम थाॅमस लिंकन की मौत गोली लगने के कारण 15 अप्रैल, 1865 को हुई। वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) के एक पिक्चर हाॅल में प्रसिद्ध अभिनेता जॉन विल्केस बूथ ने अब्राहम लिंकन को गोली मारी थी।

सम्मान / पुरस्कार

अब्राहम लिंकन के योगदान से उनके कई बड़े कामों से वो काफी मशहूर हो गए। दास प्रथा, गुलामी की प्रथा और गृहयुद्ध को खत्म करने में उनकी अहम भूमिका रही है। अब्राहम लिंकन जिस तरह से एक गरीब परिवार में जन्मे थे कोई सहारा नहीं था उनका लेकिन आज समाज सुधारकों में उनका नाम न आए ऐसा हो ही नहीं सकता।

अमेरिका की मुद्रा पर उनके चित्र बने हुए हैं और अब्राहम लिंकन के नाम पर डाक टिकट भी जारी किया गया था। उनकी सबसे प्रसिद्ध प्रतिमा माउंट रशमोर जो लिंकन मेमोरियल के नाम से जानी जाती है।

स्प्रिंगफील्ड इलिनॉय में उनकी लाइब्रेरी भी है। वाशिंगटन डीसी के पीटरसन हाउस में उनकी सबसे बड़ी प्रतिमा है।


तो ये थी अब्राहम लिंकन की जीवनी जिनका नाम आज भी इतिहास में गूँजता है। ऐसे महान शख्स अपने जीवन में बहुत कुछ करते हैं लेकिन अंतिम समय में एक सीख जरूर दे जाते हैं। नाम आपका कितना भी बड़ा क्यों न हो जब तक आपका काम नहीं बड़ा होगा तब तक आप कुछ हासिल नहीं कर सकते।

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